...

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कौन ना चाहे
आसमान में उड़ने वालों को जमीं पे
गिराना कौन ना चाहे ?

यहां ख़ुद से जलने वालों को और
जलाना कौन ना चाहे?

गला काटकर दूसरों का अपनी तिज़ोरी
भरना कौन ना चाहे?

हर गुनाह करके भी यहां ख़ुद को
बचाना कौन ना चाहे?

पाकर सत्ता और ताक़त दुनियां को
झुकाना कौन ना चाहे?

नफ़रत ज़माने में बांट कर भी सकून
पाना कौन ना चाहे ?

अपना मतलब निकालने को किसी को
गिराना कौन ना चाहे?

बिना अच्छे कर्म 'ताज' लोगों में मसीहा
बनना कौन ना चाहे?
© taj