...

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उड़ना चाहू
मै भी उड़ना चाहती हूँ उस पंछी की तरह जो रुकना भी नहीं चाहता टिकना भी नहीं चाहता
उन्मुक्त गगन सा उड़ना चाहू फैला कर अपने पाखो को नीले अंबर मे फ़िरना चाहू
दो मोति खाकर कही कुछ देर ठहरेना चाहू
हर लम्हे को जीना चाहूं
मीत मेरा मन मीत मेरा संग उड़ना चाहू
अंधियारे को छोड़ रोशनी मे बढ़ना चाहू
मन को मजबूत कर पंख फैला कर बस उड़ना चाहू
--- Shweta
#bird