...

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तलाश
"अस्तित्व की तलाश में "

मैं चांदनी का तेज हूँ
कि हूँ सूर्य का प्रकाश मैं

मैं शुन्य हूँ समुद्र सा या
हूँ तारों भरा आकाश मैं

निकल पड़ा हूँ आज मैं
अस्तित्व की तलाश में

मैं प्रलय का राग हूँ कि
जीत का आगाज मैं

मैं ताप हूँ अग्नि का
या हीम का श्रृंगार मैं

निकल पड़ा हूँ आज मैं
अस्तित्व की तलाश में

मैं मौसमी हूँ पतझड़
कि सदाबहार बाग मैं

मैं हूँ समय का सार या
जीवन का विस्तार मैं

निकल पड़ा हूँ आज मैं
अस्तित्व की तलाश में

#WritcoQuote #WritcoShayri #poem
© ranjana
14.1.23