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तुम्हारी आंखें कुछ कहती हैं (Last)
6. एक नदी दिखती है, इन आंखों में,
जिनमे बस प्रेम, जो कभी चंचल कभी मौन,
जिनको खुद प्यार भरे समंदर की आश
इन्हे जरा हसने दो, बस कहने दो
ये आंखे जो कहना चाहती है।
7.अनजान नहीं उन ख्वाबों से
जो ये आंखे जीना चाहती है।
में लाऊंगा पंख और खुला आसमान,
तुम बस उड़ने दो - (Trust)
बस कहने दो,
ये आंखे जो कहना चाहती है।
---🌻
© Pushp
जिनमे बस प्रेम, जो कभी चंचल कभी मौन,
जिनको खुद प्यार भरे समंदर की आश
इन्हे जरा हसने दो, बस कहने दो
ये आंखे जो कहना चाहती है।
7.अनजान नहीं उन ख्वाबों से
जो ये आंखे जीना चाहती है।
में लाऊंगा पंख और खुला आसमान,
तुम बस उड़ने दो - (Trust)
बस कहने दो,
ये आंखे जो कहना चाहती है।
---🌻
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