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शीर्षक - हाँ लड़के भी होते बेवफ़ा।
शीर्षक - लड़के भी होते बेवफ़ा।

झूठ से करते शुरू रिश्ता,
सच को हमेशा दबाते हैं।
हाँ लड़के भी होते बेवफ़ा,
लड़के भी काट जाते हैं।

एक से प्यार दूसरे से इज़हार,
चार-चार से जा नैन लड़ाते हैं।
दिलाकर भरोसा बेइंतहा ये,
ये फ़ायदा भरोसे से उठाते हैं।

बाते करते बड़ी- बडी सी,
पल में बातों से अपने रिझाते हैं।
घूमा-फिराकर सारी बातें,
सिर्फ़ एक ही बात पर लाते हैं।

वादे करते तोड़ते जाते,
बेहद ही तड़पाते-रुलाते हैं।
अपनी ख़्वाईश पूरी करते,
फ़िर छोड़ ये चले जाते हैं।

हाँ हर लड़के ऐसे नहीं होते,
पर ज़्यादातर पाए जाते हैं।
सच यही मानो या न मानो,
जो प्यार नही मज़े चाहते हैं।

शादी से पहले बेहद प्यारे,
वक़्त-वक़्त पर प्यार जताते हैं।
शादी कर ले जाते घर जब,
तब अपनी औक़ात दिखाते हैं।

हाँ लड़के भी होते बेवफ़ा,
फ़ायदे के लिए वक़्त बिताते हैं।
करीब आते लूटकर जाते,
फ़िर जा कहीं दूर भूल जाते हैं।

बिस्तर तक कि सोच रखते,
मन से मन नहीं कभी मिलाते हैं।
इनका बसेरा एक नहीं होता,
ये हर डाल आशियाना चाहते हैं।

इनकी की सच्चाई यही बस,
हर लड़की देख मुस्कुराते हैं।
एक पर कभी नहीं टिकते ये,
बस प्यार-प्यार चिल्लाते हैं।

बस यही है गुज़ारिश मेरी उनसे,
जो भी ऐसे झूठ पर रिश्ते चलाते हैं।
सबके कर्म का होता हिसाब यहाँ,
यहाँ सब कर्मों से ही भाग्य बनाते हैं।

©Musickingrk