43 views
जरूरी हैं क्या
हर बार मैं ही झुकूं
जरूरी है क्या
इस बार तुम झुक जावोगे
नाक तुम्हारी कट जायेगी क्या
ऐसे तो बड़े सुरमा बने फिरते हो
तुम्हारी औकात दिखा दी जल गई क्या
क्या हुआ आज जो मेरा
सब्र का बांध टूट गया
तुम रोज बोलते आज मैंने
भी पलट कर कुछ बोल दिया
क्यो बर्दास्त नही कर पाए
हक़ीक़त से जब तुम्हारा सामना हुआ
सोचो कैसे तिल तिल करके मैं जीती हुँ
तुम्हारे कड़वे बोलो को शहद समझ घूंट घूंट पीती हुँ
आज तुमने पी लिया तो क्या गुनाह कर दिया
दिल मेरा चोटिल था आज मैंने भी वार कर दिया
थक गई थी मैं सब सितम सहते सहते
हर बार का हिसाब मैंने एक झटके में आज ले लिया
जरूरी है क्या
इस बार तुम झुक जावोगे
नाक तुम्हारी कट जायेगी क्या
ऐसे तो बड़े सुरमा बने फिरते हो
तुम्हारी औकात दिखा दी जल गई क्या
क्या हुआ आज जो मेरा
सब्र का बांध टूट गया
तुम रोज बोलते आज मैंने
भी पलट कर कुछ बोल दिया
क्यो बर्दास्त नही कर पाए
हक़ीक़त से जब तुम्हारा सामना हुआ
सोचो कैसे तिल तिल करके मैं जीती हुँ
तुम्हारे कड़वे बोलो को शहद समझ घूंट घूंट पीती हुँ
आज तुमने पी लिया तो क्या गुनाह कर दिया
दिल मेरा चोटिल था आज मैंने भी वार कर दिया
थक गई थी मैं सब सितम सहते सहते
हर बार का हिसाब मैंने एक झटके में आज ले लिया
Related Stories
55 Likes
11
Comments
55 Likes
11
Comments