...

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भ्रम
देखकर अपने घर, परिवार और पैसों को
हर इंसान के मन में
अक्सर एक ख्याल आता है
यह सब कुछ मेरा है
जीवन जीने में यह भ्रम
बड़ा ही काम आता है
लेकिन जीवन का सच तो यही है
कुछ भी नही है मेरा अपना
बाद में यह किसी और का कहलाता है
और जिस दिन हमारे मन का
यह भ्रम टूट जाता है
हमे बड़ी तकलीफ पहुंचाता है
ना हम है किसी के, ना हमारा है कोई
फिर मान कर सबको अपना
इस जीवन को मुश्किल बनाता है हर कोई
पता है सबको की अपने भी तो
कभी कभी पराये हो जाते हैं
और पराये भी
कभी कभी अपने बन जाते हैं
भूल कर उन्ही अपनो को
लोग जीवन जीने के लिए आगे बड़ जाते है
लेकिन फिर भी मेरे के इस भ्रम मे जीना
सबको पसंद आता है
अपनो पर जरूरत से ज्यादा
अपनापन दिखाना भी
कहीं ना कहीं हमारे और उनके जीवन को
जीना बहुत मुश्किल बनाता है
हर एक इंसान अपना जीवन
अपने हिसाब से पृथ्वी पर बिताने आता है
हमारा जरूरत से ज्यादा अपनापन
किसी दूसरे के जीवन जीने मे
ज्यादातर बाधा बन जाता है और
उस बाधा की वजह से वो हमारे अपने है
और हम उनके अपने उस दिन यह भ्रम भी
हमेशा के लिए टूट जाता है
क्योंकि जरूरत से ज्यादा प्यार दिखाने पर
हमसे हमारा वो अपना दूर हो जाता हैं
उसके बाद अपना वो घर , अपना बंग्ला गाड़ी
अपना वो पैसा वो सब भी
दिल को सुकून नही पहुंचा पाता है
पल पल भ्रम में जी कर
हर इंसान अपने ही जीवन को मुश्किल बनाता है,,,,!!

© Himanshu Singh