...

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*लो फिर से आ गया चुनाव*

नेताओं के लग गए दाव
लो फिर से आ गया चुनाव

जीतेंगे फिर से इस बार
दावों की हो रही बौछार
झूठ-मुठ सब करते वादे
सत्ता पाने के लेकर इरादे

कुर्सी पाना बस इनका चाव
लो फिर से आ गया चुनाव

अपनी डफली अपना राग
जन सेवा की नहीं है आग
करना क्या ये कोई न जाने
नेता अपना गुणगान बखाने

जनता को देने नये घाव
लो फिर से आ गया चुनाव

धर्म कर्म और जाति पाति
फूट की नीति राज कराती
साम दाम दंड भेद तमाम
दंगे करवाना इनका काम

डोल रही इस बार है नाव
लो फिर से आ गया चुनाव

सोच समझ से लेना काम
वरना होगा काम तमाम
झूठों को देने को चोट
आओ सब दें मिलकर वोट

© PJ Singh