...

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मजबुरी
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
किसने जाना किसने सोचा
PREEET गम भी जिन्दगी मे जरूरी है
एक दिन कहीं मार न दे
तेरे मेरे बिच की जो दुरी है
💞