तुमने आँखे मिलाई
तुमने आँखों से आँखे मिलाई ,
मेरी आंखे भर आई ।
माना की अब तुम बदल गयी हो ,
जैसी थी तुम पहले अब वैसी नही रही हो ।
ऐसा लगता है कि तुम कुछ छिपा रही हो ,
क्या बात है कह दो ,
कही और दिल लगा बैठी हो ,
या खुद को बेवजह तड़पा रही हो ।
" Shubham Rao Samrat "
मेरी आंखे भर आई ।
माना की अब तुम बदल गयी हो ,
जैसी थी तुम पहले अब वैसी नही रही हो ।
ऐसा लगता है कि तुम कुछ छिपा रही हो ,
क्या बात है कह दो ,
कही और दिल लगा बैठी हो ,
या खुद को बेवजह तड़पा रही हो ।
" Shubham Rao Samrat "