...

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जिंदगी कुछ सिखलाती तो है


इस नदी की धार से
ठंडी हवा आती तो है,
नाव जरज ही सही
लहरों से तकराती तो है,
एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओ साथियों,
इस दीपक में बुझी ही सही,
तेल से भीगी बाती तो है।
दिल टूटा ही सही
उसमें उम्मीदें आती तो हैं,
मुश्किल बड़ी ही सही
मुझसे टकरा टूट जाती तो हैं।
जिंदगी झूठी ही सही,
हिम्मत की हवाएं आती तो हैं।
लोग पराए ही सही,
उनसे आगे बढ़ने की प्रेणना आती तो है।
मैं इन्सान बुरी ही सही,
लोगों के चेहरों पर मुस्कान आती तो है।
मैं अभी हारी ही सही,
पर मेरी कोशिशें रंग लाती तो हैं।
इस नदी की धार से
ठंडी हवा आती तो है,
नाव जरज ही सही
लहरों से तकराती तो है,
एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओ साथियों,
इस दीपक में बुझी ही सही,
तेल से भीगी बाती तो है।