...

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एक साथ ऐसा भी

साथ पाने को,
हालात बदले भी जा सकते हैं,
कोशिश अगर थक जाए,
फिर भी,
साथ तो रह ही सकते हैं,
साथ की कोई सीमा,
कोई उम्र नहीं होती,
रूह में बसने वालों की,
सामने उपस्थिति भी,
राह को आसान बना देती है,
ना हो कोई रिश्ता उससे भले,
पर साथ का,
साझेदार तो बना ही देती है,
हालात मंजर की तरह होते हैं,
भयावह जरूर होते हैं,
पर मंजिल नहीं,
रिश्तो का अंत है,
पर साथ का तो,
कोई अंत नहीं....
© --Amrita