...

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सृजन
जगत के कालचक्र में
उद्भव का भी
सृजन हुआ जब
सौंदर्य प्रकृति की
निहारने लगी तब
प्रकृति की गोद में
किलकारियां लगी
धरा-अंबर मिलन
हुआ था तब
भानु भी कुटुम्ब में
जीने लगा जब
अपने उदयाताप से
तांडव करने लगा जब
उद्भव को अवसान का
भय सताया तब
अन्ततः भानु के लिये
"गौधूलि" बेला का
"सृजन" हुआ था तब।
© Mr. Busy