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इत्र सा
हवा में उड़ने लगा है इत्र सा कोई,
शायद वो इस राह से गुजरा होगा ।
रंग आसमां का भी है गुलाबी गुलाबी,
शायद नज़र भर को उसने ऊपर देखा होगा।
धड़कनें बढ़ा रही हैं रफ्तार धीरे धीरे,
शायद किसी ने उसका नाम लिया होगा ।
जो रहता है साथ पल पल उसकी सोहबत में,
ज़िंदगी को तो यकीनन उसी ने जीया होगा।
खतों में बस चुकी है हर याद उसकी,
हर शब्द दिल के एहसासों से लिखा होगा ।
संभाल कर रख लेते जाते हुए लम्हों को,
न जाने अब कौन सा उनका पता होगा।
© Geeta Dhulia
शायद वो इस राह से गुजरा होगा ।
रंग आसमां का भी है गुलाबी गुलाबी,
शायद नज़र भर को उसने ऊपर देखा होगा।
धड़कनें बढ़ा रही हैं रफ्तार धीरे धीरे,
शायद किसी ने उसका नाम लिया होगा ।
जो रहता है साथ पल पल उसकी सोहबत में,
ज़िंदगी को तो यकीनन उसी ने जीया होगा।
खतों में बस चुकी है हर याद उसकी,
हर शब्द दिल के एहसासों से लिखा होगा ।
संभाल कर रख लेते जाते हुए लम्हों को,
न जाने अब कौन सा उनका पता होगा।
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