है अब
है अब खुद को बदलना
इतना की पहले की तरह लोग हमे देखने को तरस जाये
है अब खुद के लिए जीना
बनना है इतना काबिल की लोग जले हमारे नाम से
है अब खुद को अपने ढंग से तराशना
हर मुसीबत से लड़ना
है अब किसी के लिए न आंसू बहाना
रोना नही है हस के सारे गम को है भुलाना
है अब बनना मुझे शायर
जो कुछ मै कह नही पाति हु वो लिखती हु
© Goldi Singh
इतना की पहले की तरह लोग हमे देखने को तरस जाये
है अब खुद के लिए जीना
बनना है इतना काबिल की लोग जले हमारे नाम से
है अब खुद को अपने ढंग से तराशना
हर मुसीबत से लड़ना
है अब किसी के लिए न आंसू बहाना
रोना नही है हस के सारे गम को है भुलाना
है अब बनना मुझे शायर
जो कुछ मै कह नही पाति हु वो लिखती हु
© Goldi Singh
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