...

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साथ...
शायद प्रिये तू साथ हो
और वक़्त थम सा जाए
ये मेरी बिंदास आदतें तुझे चाहने की
शायद कभी बदल ही ना पाए
हो सकता है हमारे रास्तें अलग हो
मगर शायद मंजिले एक हो जाएं
या मेरे दोस्त जब तक है सांसें
हम तेरे ही कहलाते जाए...✍
jaswinder chahal
9/5/2024
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