...

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तू सही
सारी दुनिया से लड़ सकती हूं,
एक तुझसे ना लड़ पाउंगी,
तेरे साथ की गई लड़ाई में,
जितने से अच्छा मै हार जाऊंगी,
डर लगता है तुझे खोने से,
तेरे दूर होने से,
मेरे लबों पे बैठी कविता तू है ,
तूही मेरे जख्मों की दवा भी,
तेरे ही दिल के कोनों में मिले मुझे बंदगी ,
या भले देता रहे तू सजा भी,
जिस ख्याल से यह कलम चले,
वो किस्सा तू ही,
जिसके बिना मेरी कहानी और में अधूरी ,
वो हिस्सा तूही ,
दूरियों की मजबूरियों के नीचे ,
हम दोनो की चीखे दबी है,
और तुझे खोने से बेहतर ,
हार जाऊं हर जंग यह कहके के,
मैं गलत और तू सही ❤️‍🩹
© -અનાશિન:™