...

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लहू में जुनून सी वही है
तर्पण है दिल में एक आग सी लगी है
झुके नहीं गमों की बरसात में सीना तान के खड़ी है
होती है गुजारिश खुदा से भी हमारी कभी
तेरे आने की घड़ी किस राज सी खड़ी है
तसव्वुर दिखता है हमारे अस्तित्व का
तुम्हारी नजरों में हमारी कहानी लिखी है
माना गुनहगार हैं आपके हम
जो सजा दो मंजूर होगी सनम
दूरी है तो दूरी ही सही ना मिलना दस्तूर ही सही
मुकद्दर को पता नहीं क्या है मंजूर
पर आती है ख्यालों में आपकी ही यादें
पाना चाहे आपको ही यह सांस
लहू में जुनून सी वही है
तेरी तिशनगी है तेरी आशिकी है
होती है नम आंखों से बातें तेरी चांदनी में
कहता हूं कुछ तेरे शब्दों की जुबानी से
पिरोता हूं गाने तेरी यादों की कहानी से

© on nine dark