...

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तुम्हारा एहसास हर पल सताता है
तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में हैं
यह हसीन तसव्वुर अब भी मेरे साथ में है

लुत्फ कितना तेरे रहने से यूं पास में है
खूबसूरत एहसास की दुनिया मेरे साथ में है

आंख खोलने को दिल बिल्कुल नहीं करता
ऐसा लगता है तू मेरे बहुत पास में है

ख़्वाब तेरा ना आए तो बैचैन रहता हूं
क्यों तुझसे रोज़ मिलना नही मेरे इख्तियार में है

जान कर सबकुछ भी हकीकत से दूर रहता हूं
दर्द में जीना हां मगर मेरे इम्तेहान में हैं

तेरी आंखों से जारी वो ख़ामोश गुफ्तगू जाना
आज भी महफूज़ बदस्तूर मेरे दिल ए बीमार में है

तेरा हाथ फिर से थाम लेने को अख़्तर
रूह से रूह मिलने के कब से इंतज़ार में है

कभी तो दुआ होगी कुबूल मेरी भी अख़्तर
अब यह नाचीज़ बस उसकी निगाह ए करम के इंतज़ार में है

© sydakhtrr