...

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नवाजिश
वही पर गर्दिशे दौरान लिपट गयी मुझसे
जहाँ पर उनकी नवाजिश ने साथ छोड़ दिया ।

ना मंजिलों का यकीन है न रास्तों का पता
कहाँ पे लाके मुकद्दर ने साथ छोड़ दिया ॥

तमाम उम्र ना दिल को करार आयेगा
सितम शा 'आर ने अपना बनाकर छोड़ दिया ।।
© SYED KHALID QAIS