...

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मेरा इश्क़
किसी मुक़र्रर तारीख़ पर,
जज़्बात अपने बयां क्यों करें,
जताने को अपनी मोहब्बत,
किसी लम्हे का इंतज़ार क्यों करें

बेहद अहम बेहद ख़ास,
ख़ुसूसी ये मामलात, आम क्यों करें,
यक़ीन है हमें इख़्लासी जज़्बात,
दलीलों में वक़्त ज़ाया क्यों करें

देख लें वो निगाहों में मेरी,
हम एहसास लफ्ज़ो में बयां क्यों करें,
मेरा इश्क़ इबादत की तरहा,
बंदगी सर-ए-आम नुमायां क्यों करें।

© IdioticRhymer