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खोईशहरकीशांति...!
#खोईशहरकीशांति
मेरा अजीब है शहर..,
कभी करता शोर है तो कभी होता मौन...,
सुबह शाम यहां बस होती है भाग दौड़...,
आए थे हम यहां तरक्की करने..,
बन गए यहां आके दिल के फकीर..,
इस व्यस्त जीवन के शहर में...,
किसी भी रिश्ते का नहीं रहा ख्याल..,
अब बहुत पीछे छूट गया गांव का सलाम...,
अखबार बन जुबां इस शहर की...,
देता हैं गवाही हर हुए दंगे की...,
हर गुनाह की हर जुर्म की...,
आसूं नहीं थमते खोए एहसास के...,
हर प्यार के रिश्ते के...,
जो शामिल हुवा अखबार के पन्नो पे...!
© #Suvi..
मेरा अजीब है शहर..,
कभी करता शोर है तो कभी होता मौन...,
सुबह शाम यहां बस होती है भाग दौड़...,
आए थे हम यहां तरक्की करने..,
बन गए यहां आके दिल के फकीर..,
इस व्यस्त जीवन के शहर में...,
किसी भी रिश्ते का नहीं रहा ख्याल..,
अब बहुत पीछे छूट गया गांव का सलाम...,
अखबार बन जुबां इस शहर की...,
देता हैं गवाही हर हुए दंगे की...,
हर गुनाह की हर जुर्म की...,
आसूं नहीं थमते खोए एहसास के...,
हर प्यार के रिश्ते के...,
जो शामिल हुवा अखबार के पन्नो पे...!
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