...

16 views

एक आखिरी ख्वाहिश
जितनी बीमारियाँ है बदन पर रख दो
संगर्ष कई देखे उसे ज़ेहन पर रख दो

ज़िन्दगी जो कुछ भी दिया मुनाफा में
हर साँस की हिसाब ज़मन पर रख दो

मेरे सारे ख्वाहिशें हवा में उड़ने न दें
एक छोटा सा पत्थर कफ़न पर रख दो

© prashanth K