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रैन बसेरा
न कर गम,
हैं अगर आँखे नम।
यहां है कौन?
जो पूछे क्यों तू "मौन"?
झूठा खेला,
पड़े चलना अकेला।
तेरा न मेरा,
जग फ़ानी"रैन बसेरा"।
देख बस रंग,
रख ज़ीने की उमंग।
बन जाबांज,
हरफनमौला से अंदाज़।
घमंड से दूरी,
अत्यधिक ही ज़रूरी।
ले खुद तलाश,
"गिल"हो मत "हताश"।
© Navneet Gill
हैं अगर आँखे नम।
यहां है कौन?
जो पूछे क्यों तू "मौन"?
झूठा खेला,
पड़े चलना अकेला।
तेरा न मेरा,
जग फ़ानी"रैन बसेरा"।
देख बस रंग,
रख ज़ीने की उमंग।
बन जाबांज,
हरफनमौला से अंदाज़।
घमंड से दूरी,
अत्यधिक ही ज़रूरी।
ले खुद तलाश,
"गिल"हो मत "हताश"।
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