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ऐ दोस्त तेरी दोस्ती में खुल जाता हूं मै...
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती में खुल जाता हूं मै, दिल मे है जो भी कह जाता हूं मैं।

जब साथ सब पुराने दोस्त मिल बैठे तो बिन पिये नशे ने आ जाता हूं मै।

हु बहुत से रंग में रंगा , निभा रहा बहुत से रोल काम से जुड़े, पर जब तू मिलता है तो बस अपने रंग में आ जाता हूं मै।

सोया सिमटा सा, देख कर तुझे खुले आसमा से फैल जाता हु मै। (कि अब तो भाई साथ है अपने)

यू तो हु बड़ा गंभीर , स्वाभिमानी सा, पर तु मिलता है तो बस आसान सा सुलझ जाता हूं मै।

बहुत ही उम्मीदों के बोझ तले दवा, पर तु पूछता है कि कैसे है भाई , तो बस जिन्दगी(नदी) के किनारे का हर पहाड़ चढ़ जाता हूं मै।

किसी ने पूछा कौन है वो दोस्त , करता क्या है।
तो सोच कर तुम्हे, मन ही मन मुस्कुराता हु मै।( all राउंडर है खिलाड़ी)

हर तरफ देख के बेपनाह नफरत, तेरी दोस्ती का सोच के जी जाता हूं मैं।

मिल के तुझसे खुश, तो दूर रह कर आज कल के छोरो को तेरे किस्से सुनाता हूं मैं।

कि मैं तुझसे अलग नही हु मेरे दोस्त, कि चलता है तू तो तेरी परछाई में साथ आता हूं मै।



For all of you my lovely, healthy, amazing and lifetime friends....👍🔥




© SandeshAnkita