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दोस्ती या प्यार
#RoseDay #RoseDay🌹
हाँ दोस्त ही तो थे, पर प्यार भी कहीं पनप रहा था..
जाने अंजाने ही सही, पर दोस्त कुछ अलग लग रहा था..!

हाँ दोस्त ही तो थे, पर दोस्ती जान से भी ज़्यादा प्यारा लग रहा था..
शायद दोस्त धीरे धीरे, दोस्त से जान बनता जा रहा था..!

हाँ दोस्त ही तो थे, तभी प्यार का एहसास , ज़ुबान तक नहीं आ पाया था..
कहीँ एक के उपर दूसरा हावी ना हो जाए,
इसलिए प्यार को ना चाहते हुए भी ये दिल उसे रोक रहा था..!

हाँ हम दोस्त ही तो थे, जो हमें बेझिझक तो बना दिया, पर बेबस भी कर गया था..
प्यार का एहसास जब दोस्ती को होने लगा, तब प्यार से दोस्ती हो गया था..!

हाँ हम दोस्त ही तो थे, तभी प्यार और दोस्ती को चुनना मुश्किल हो रहा था..
प्यार के एहसास को सदा दिल में ज़िंदा रखने के खातिर,
दोस्ती को ही ज़िंदा रखना था..!

हाँ हम दोस्त थे और हैं भी, प्यार था और अब है भी, क्यों की प्यार का मतलब पाना नहीं , परवाह भी होता है..
ये बात तुमसे ज़्यादा तुम्हारे परवाह ने, मुझे बता दिया था..!

पाना ही तो सिर्फ़ प्यार नहीं है ना दोस्त... मेरे लिए तेरा परवाह का एहसास ही, मेरे साथ प्यार निभा रहा था..!

जयश्री✍️