...

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सरहदें
ये सरहदें दिलों की ,लंबी सी
ख़त्म न होती , बेबसी
तपती जलती, मन के छाले
बंद पड़ी है ,इनकी कीवारें
दिल के झरोखों में यादें बसी है
कुछ तो है जो ना बिसरी है
ये सरहदें दिलों की ,लंबी सी



जारी

© Gitanjali Kumari

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