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।। तुमको पाया मैं।।
कल रात फिर एक
ख़्वाब देखा मैंने जिसमें
तुमको ही चुना मैंने,
कल फिर एक बार
सोचा मैंने जिसमे तुम्हारी
एहसास को ही पाया मैं।
कल फिर से चाँद को
देखा मैंने तो तुम्हारी
खूबसूरती को जान पाया मैं।
कल फिर एक बार
जिंदगी के हर पन्ने को
पढ़ा मैंने जिसमे तेरे
ही ज़िक्र को पाया मैं।
© no name
ख़्वाब देखा मैंने जिसमें
तुमको ही चुना मैंने,
कल फिर एक बार
सोचा मैंने जिसमे तुम्हारी
एहसास को ही पाया मैं।
कल फिर से चाँद को
देखा मैंने तो तुम्हारी
खूबसूरती को जान पाया मैं।
कल फिर एक बार
जिंदगी के हर पन्ने को
पढ़ा मैंने जिसमे तेरे
ही ज़िक्र को पाया मैं।
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