...

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@#आखिर कौन है नारी ......?
अक्सर मन में सवाल उठता है , आखिर कौन है नारी ,

जो अपना दर्द भूल कर दूसरों का दर्द महशुस करे वह है नारी
जिसने प्यार शब्द को जन्म दिया , वह है नारी

जो शादी के बाद दूसरे घर जाकर सबको अपना माने , वह है नारी
जो खुद के खाने कि फिक्र ना करे , और सबका पेट भरे वह है नारी

इसे अब्ला ना समझो , क्योंकि तन्हाई में साथ का दूसरा नाम है नारी
जो बच्चे के जीवन में सबसे पहले गुरु की भूमिका निभाए , वह है नारी
हमारे आने वाले कल का निर्वाण करे , वह है नारी
हमारी वंशावली को आगे बढ़ाए वह है नारी
हिम्मत का दूसरा नाम है नारी

हर मुश्किल घड़ी में अपनों का साथ निभाए वह है नारी
जो आदमियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चले वह है नारी

शान्त है तो प्यार की मूर्त , अगर गुस्सा आ जाए तो काली का दूसरा नाम है नारी
नारी है तो जग है ऐसी चीज है नारी ...........




© @herry