...

11 views

मुझे गले लगा ले ऐ जिंदगी
पहली दफा जब दिल टूटा था
शिक़ायत का एक ढेर लेकर तुझसे मिली थी
जवाब दिये बगेर तूने गले लगाके भेज दिया था
मुझे लगा तुझे हमदर्दी का शिर्फ दिखावा है.
इस दफा तो तेरे प्यार का भनक भी नहीं थी मुझे

जब तुझे कोई खास के हाथ मैं सौम्प दी थी
तू बिगड़ती गई बिगड़ती गई और मुझे फ़िर से गले लगया
मुझे लगा तू बोझ है मुझपे
और इस दफा भी तेरा प्यार में नहीं समझ पाई

जब जब गलती होने पर तूने सजा दीया
तब तब मुझे लगा तू स्वार्थी है बहुत
शायद इस दफा तेरे जज़्बात को मैं पढ़ नहीं पाई

जब एक एक कर मेरी सारे करीब मुझे छोड़ने लगे
तब तूने फिर से मुझे गले लगाया
मुझे लगा शायद तू प्यार के लायक नहीं
और यह दफा भी तेरे प्यार को मैं समझ नहीं पाई

जब जब मैं तुझसे रूठ कर तकियों में तेरे सारे राज बहाने लगी
तब तब तूने चुप रह कर मुझे समेटना चाहा
मुझे लगा तू हस रही है बेबसी पे मेरी
देख,इस दफा भी तेरे प्यार को मैं समझ ही नहीं पाई

बचपन से लेके आज तक तू प्यार करती रही मैं ठुकराती रही ,तू करती रहीैं मैं ठुकराती रही
लेकिन इस दफा तेरे गले लगाने पर लगा जैसे साल से इंतजार करता हुआ कोई एक तरफ़ा प्रेमी को गले से लगायी हूँ
जैसे दुसरों में ढूंढता हुआ प्यार एक पल में ही मिल गया हो
आज भी बहुत सी शिक़ायत लेके कोषति हूं मैं तुझे
ताकी तू गले लगा ले फिर से मुझे
रूठ जाति हूं तेरे आजमाने से लेकिन ,
सिर्फ तेरी प्यार पाने के लिए।
शायद इस तरह तू भी अपना प्यार जाहिर करता है ऐ जिंदगी........