Chandani Raat
आज पूरे चांद की रात है
आस्मां में तारे बिखरे हैं
जैसे ख्वाबों का दुपट्टा ओढ़े
चले जा रहे हों सफर पर
फूलों की खुशबू है हवाओं में.
रुपहली चांदनी रुकी है हर पत्ते पर
फूल भी मुस्कुरा रहे हो जैसे.
मंज़र कितना ख़ूबसूरत है आज रात का
खामोशियाँ है
और शोर भी कितना .
आस्मां में तारे बिखरे हैं
जैसे ख्वाबों का दुपट्टा ओढ़े
चले जा रहे हों सफर पर
फूलों की खुशबू है हवाओं में.
रुपहली चांदनी रुकी है हर पत्ते पर
फूल भी मुस्कुरा रहे हो जैसे.
मंज़र कितना ख़ूबसूरत है आज रात का
खामोशियाँ है
और शोर भी कितना .
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