...

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बिन मौसम बरसात
यह ठंडी हवाएं मेरे,
कानों में कुछ कहती हैं
क्या इनमें आपने,
दिल की बात भेजी है।

सूरज छुप रहा बादलों में,
अंधेरा हो रहा उजालों में
क्या यह तुमने उजले
दिन में काली रात भेजी है।

बढ़ गई हैं यादें तेरी
अचानक से मेरे ख्यालों में
क्या तुमने मेघों में छिपा,
यादों की सौगात भेजी है।

इस बारिश की हर,
बूंद में आपकी खुशबू है
क्या आपने यह बिन,
मौसम बरसात भेजी है।



© Aniket Sahu