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एक लड़का आया लड़की के घर..... सोचते सोचते हो गया वहीं बहोश।
एक लड़का आया लड़की के घर
भगा के अपना सारा डर
मांगने उसके बाप से उसका हाथ
बनकर बेखौफ और निडर,
फुलों से उसका स्वागत हुआ
बनाए गए उसके लिए
नए नए पकवान
देख पड़ा हैरत में
क्योंकी सोच कर आया था
कि जा रहा है वो लड़ने कोई जंग,
इतना सेवा सत्कार देख
पुछ लिया उसने सवाल एक
गुड़िया ने तो कहा था
उसका परिवार है बड़ा शक्त
समाज के चोंचलों का है भक्त,
फिर आप लोग क्यों कर रहे इतना सत्कार
क्या है ये कोई साज़ीस
या मारने का नया हथियार,
ना बेटा ना बेटा
तुम हमें गलत समझ रहे हो
हम तुम्हें क्यों मारेंगे
आखिर तुम हमसे हमारी
सबसे बड़ी परेसानी कर रहे हो दूर,
हम सोच में पड़े थे
उनका क्या करेंगे
अपनी बीबी बच्चों को संभालेंगे
या ढोयेंगें उनका बोझ,
बस इसी मझधार में फँसे थे
और तुम बनकर आ गए हल
तुम कहो तो आज रिश्ता तय कर दे
और विवाह कर दे कल,
सुन बात लड़का पड़ गया सोच में
क्या लड़की में है कोई दोष
लड़की से मिलने की खुशी में
था भरा फिर भी उसमें जोश,
जब लड़की बाहर आई
देख उसे उड़ गए उसके होश
समझ गया सब क्यों थे इतने खुश
क्योंकि थी वो नब्बे बरस की एक बुढ़िया
ना की कोई जवान गुड़िया,
देख लड़की को
सोच उसकी फेसबुक वाली डीपी को
लगा कोसने प्यार मुहब्बत को
सोच में पड़ गया
कैसे हो गया उसके इश्क़ मे मदहोश
सोचते सोचते हो गया वहीं बहोश।
🤣😂😋🤣😇😏🤣
© Sankranti chauhan
भगा के अपना सारा डर
मांगने उसके बाप से उसका हाथ
बनकर बेखौफ और निडर,
फुलों से उसका स्वागत हुआ
बनाए गए उसके लिए
नए नए पकवान
देख पड़ा हैरत में
क्योंकी सोच कर आया था
कि जा रहा है वो लड़ने कोई जंग,
इतना सेवा सत्कार देख
पुछ लिया उसने सवाल एक
गुड़िया ने तो कहा था
उसका परिवार है बड़ा शक्त
समाज के चोंचलों का है भक्त,
फिर आप लोग क्यों कर रहे इतना सत्कार
क्या है ये कोई साज़ीस
या मारने का नया हथियार,
ना बेटा ना बेटा
तुम हमें गलत समझ रहे हो
हम तुम्हें क्यों मारेंगे
आखिर तुम हमसे हमारी
सबसे बड़ी परेसानी कर रहे हो दूर,
हम सोच में पड़े थे
उनका क्या करेंगे
अपनी बीबी बच्चों को संभालेंगे
या ढोयेंगें उनका बोझ,
बस इसी मझधार में फँसे थे
और तुम बनकर आ गए हल
तुम कहो तो आज रिश्ता तय कर दे
और विवाह कर दे कल,
सुन बात लड़का पड़ गया सोच में
क्या लड़की में है कोई दोष
लड़की से मिलने की खुशी में
था भरा फिर भी उसमें जोश,
जब लड़की बाहर आई
देख उसे उड़ गए उसके होश
समझ गया सब क्यों थे इतने खुश
क्योंकि थी वो नब्बे बरस की एक बुढ़िया
ना की कोई जवान गुड़िया,
देख लड़की को
सोच उसकी फेसबुक वाली डीपी को
लगा कोसने प्यार मुहब्बत को
सोच में पड़ गया
कैसे हो गया उसके इश्क़ मे मदहोश
सोचते सोचते हो गया वहीं बहोश।
🤣😂😋🤣😇😏🤣
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