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दानवीर कर्ण 🙏🙏🙂
महाभारत में एक प्रसंग आता है जब नागों का राजा अश्वसेन,कर्ण और अर्जुन के युद्ध के समय,कर्ण के रथ के पास पहुंचता है तो कर्ण से कहता है कि,,
हे!सूर्य पुत्र कर्ण अर्जुन जितना बड़ा तुम्हारा शत्रु है उतना ही मेरा भी है,मुझे अपने बाण में बैठाकर अर्जुन के रथ में पहुंचा दो तो मैं अर्जुन को डस कर मार डालूंगा तो मेरा भी बदला पूरा हो जायेगा और आपका दुश्मन भी खत्म हो जायेगा,🙂

तो कर्ण इस बात को खारिज करते हुए क्या कहते हैं,🙏😊

इस बात को उन सभी को सुनना चाहिए जो कहते हैं युद्ध में हर चाल वाजिब है,🤗🤗

हे! नागराज तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा,🙏
लेकिन आने वाली मानवता को मैं कैसे मुंह दिखलाऊँगा।🙂

अर्थात् युद्ध की स्थिति में भी मानवता की बात करने का साहस कोई योद्धा रखता था तो वह सिर्फ और सिर्फ कर्ण था।🙏🙏🤗




© Mayank Rav