...

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जिंदगी को मरते देखा
हां सच है अब मुझे दर्द नहीं होता,,
अहसास मर गए है ,,
अब आंखो से मेरे अश्क नहीं बहता,,
कहते है कि,, पत्थर दिल हु मैं,,
कैसे वाकिफ कराऊं मैं अब उनको,,
की कितना तड़पी थी मैं,,
जब मैंने अपने खास शक्श को अपने सामने तड़पते देखा,,
उसे एक एक सांस के लिया लड़ते देखा,,
रूह जिस्म छोड़ रही थी,,
फिर भी होठों पे हसी का पहरा देखा,,
आंख नम थी मेरी,,
लब थर–थरा रहे थे,,
दिल टूट रहा था,,
हाथ कप–कपा रहे थे,,
जिस की गोद में पली,,
उसे मौत के गले से लगते देखा,,
जब मैंने अपनी जिंदगी को मरते देखा,,
© AK 💕 "crush 🥰"