...

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"भावनाओं का सफर" (Journey of Emotions)
मेरे होने ना होने से क्या ही फर्क पड़ता है...
मेरे सुख से मेरे दुःख से क्या ही फर्क पड़ता है...

मतलब के लिए ही लोग हमे इस्तेमाल करते है...
इसमें बुरा भी क्यों मानू में..

सो बातें सुना दो अपना सारा गुस्सा मुझपे निकाल दो..
क्यों बुरा मानू में..

सुनते आ रहा हूं बचपन से सुनता रहूंगा आखिरी सांस तक...

लोगो का क्या है ना कभी किसी के बारे में सोचा है और ना ही कभी कोई सोचेगा..

बस बातें बड़ी बड़ी लेकिन सब यहां अपने ही फायदे के बारे में सबसे आगे सोचते हैं...
© Itesh