...

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हर किसी की चाहत अलग...
यह ऐसी चाहत है जिसमें पाया कुछ नहीं है...,
हकीकत ऐसी है जिसमें गवाया सब कुछ है...,
सुना है चाहत में दीवाने हुए हजारों हैं...,
बेकरार रहना हर पल बताना कुछ नहीं है...,
खामोश रहके चैन लूटना इसकी आदत है...,
ढूंढना मुश्किल हैं चाहत की निशानियां..,
चाहत ऐसी हैं जिसमें निभाया सब कुछ हैं...
गवा के खुदको तुमको छुपाया सब से हैं...!
हर किसी की चाहत अलग...,
लेकिन चाहत में जलाया सब को हैं...!
हर किसी की चाहत अलग...,
बताना सच में मुश्किल हैं...!
© #Suvi..