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Valentine Day
पता तुमको तो है मालूम, फिर तुम क्यों नही आते
सुनो एक बात कह दूं मैं, अकेले कल बहुत होंगे
खिलेंगे फूल बागों में, लगेंगे गजरे बालों में
तुम्हे ढूंढूंगा सड़कों पर, हर एक अनजान चेहरे में
की शायद तुम नज़र आओ, कि शायद तुम ही मिल जाओ
तुम्हे वो याद तो होगा , मिले थे जब दिसम्बर में
कहा था मिलने आओगे, किसी एक खास मौके पर
वैलेंटाइन का यह दिन है, सभी है साथ अपनो के
मैं हूँ तन्हा यहां जानाँ, चले आओ ना तड़पाओ
बहुत सोचा कि मिलकर मैं, करूँ क्या भेंट तुमको मैं
मुझे यह याद तो है कि, गुलाबें है पसन्द तुमको
मगर मैंने बहुत सोचा, की आखिर भेंट क्या दूँ मैं
जो हो खुद गुलाब जानाँ , उन्हें क्योंकर गुलाब दूँ मैं
तुम्हारी एक तसव्वुर को, जेहन में जो उतारा है
उसी को शब्द देकर मैंने, एक गुलदस्ता बनाया है
तुम्हारी झील सी आंखें , कमल से होंठ को तेरे
तुम्हारा चाँद सा चेहरा, तुम्हारी शाम सी पलकें
तुम्हारी संगमरमर सी, चमकते दांत को मैंने
पिरोया है करीने से
अगर तुम देख पाओ तो, अगर तुम जान पाओ तो
तुम्हारे बिन अधूरे है, यह सपने और सौगाते
अधूरे है सभी तुम बिन, अधूरी है यह रातें भी
अधूरे है सौ बातें भी
चले आओ चले आओ, मेरी जान उस महफ़िल में
तुम्हारे वास्ते जो मैंने , अपने दिल मे सजाया है
तुम्हारी एक हंसी के मोल पर, सुन लो मेरी जानाँ
तुम्हारे हमसफ़र ने खुद को, तुम पर ही लुटाया है


© N Belal