...

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ज़िदगी तेरे बग़ैर!!
सोचता था ज़िंदगी कैसे तेरे बग़ैर निबाह की जायेगी,
कुछ किसी बुत के सजदे में,
कुछ तेरी खुशियों की दुआओं में बिता दी जायेगी।।

ख़ाक किया जायेगा ये जिस्म तेरी मुराद में,
और ये रूह भी मिट्टी में मिला दी जायेगी।।

सजा कर रखी जायेगी हर याद तेरी इस तरह,
कि!! अपनी हस्ती भी मिटा दी जायेगी।।

एक तू ही तू रह जायेगा हम में,
एक ऐसी आग अपने अंदर जला ली जायेगी।।

तू इस कदर याद रखा जायेगा,
सारी दुनिया भुला दी जायेगी।।

मुद्दतों तुझसे बिछड़कर सोगवार रहेंगे हम,
तेरे बग़ैर चेहरे पे मुस्कुराहट लाई ना जायेगी।।





© Himanshu