...

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"रंगों का ये त्यौहार: होली "
रंगों का ये त्यौहार,
तेरे संग मनाने को जी चाहता है,
तुझे हर पल हर लम्हा,
अपना बनाने को जी चाहता है,
यूं तो बित गये कई त्यौहार तेरे बगैर ही,
न जाने क्यूं ये होली,
तेरे संग मनाने को जी चाहता है,
इस बेरंग-सी ज़िन्दगी को ,
तेरे प्यार के गुलाल में रंग जाने को जी चाहता है
तेरी एक झलक के लम्हें को ,
जहां से छुपा के रखने को जी चाहता है,
तेरी संवरी -सी सीरत की ,
नज़र उतारने को जी चाहता है,
रंगों का ये त्यौहार ,
तेरे संग मनाने को जी चाहता है,
न जाने क्यूं ये होली ,
तेरे संग मनाने को जी चाहता है।।


© Ranगीला🌺