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है कोई ।
दूर फिरंगी बन कर घूम रहा कोई,
मन बंजारा कहता है ढूंढ रहा कोई;
वृक्ष विशाल प्रीत विहार कर रहा कोई,
दूर से ही मुझसे प्रेम कर रहा कोई,
एक छलक पाने के इन्तज़ार कर रहा कोई,
दूर खड़े होकर कर नजदीक आ रहा कोई,
दिल में प्यार मेरा यार बन रहा कोई,
बिना स्पर्श के मुझसे प्रेम कर रहा कोई।
© Shreya tiwari
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