...

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एक काश ऐसा भी
काश!! हम दोनों आज भी पहले जितने ही सहज होते,

काश!! हम दोनों में ही साहस होता यह स्वीकारने का कि हाँ तुम याद आते हो,

काश!! हम दोनों में ही अहंकार ना होता,

काश!! हम दोनों को ही अपने अपने हिस्से के किये वादे निभाने आते,

काश!! हम दोनों फ़ैसले मिलकर लेते,

काश!! हम तुम आज भी दोस्त होते...


© Himanshu