...

3 views

कभी यूँ ही......
कभी यूँ ही, तो कभी कुछ ख़ास नहीं..
लिखती है कलम मेरी,
वो जिन एहसासों की साथ रही....
वक़्त बेवक़्त हर पल रहती है वो साथ मेरे...
चाहे लिखूँ मै
पुराना ख्याल कोई या हो नई...!
कभी यूँ ही , तो कभी कुछ ख़ास नहीं..

ना इंतज़ार है ना आने की उम्मीद रही,
किसीका साथ नहीं, फिर भी है साथ कोई....
हर पल है मेहरबां मेरे हर एक वक़्त पर..
पर ना वो अपना है, ना था मेरा गैर कोई..!
कभी यूँ ही, तो कभी कुछ ख़ास नहीं..

जयश्री✍🏻

Related Stories