...

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प्रतिस्पर्द्धा
समकक्ष बैठा व्यक्ति
प्रतिस्पर्द्धा करता है
आगे बढ़ने को
कुटिल चाल भी चलता है
गुणिवान को पछाड़ने को
हार जीत से ऊपर
आज नही तो कल निर्णय होगा
वे सब सराहे जायेंग
जो मन सब का जीत ले जाएंगे।