5 views
आखिरी ख्वाहिश
चांद सी ख्वाहिश तुम
हर शाम बैठता हूं तेरे इंतज़ार में
इस चांद को ताकने।
मेरे ख्वाबों को मुकम्मल करने
तुम आना कभी।
वो सभी छोटे बड़े सपने
जो छिपे हुए है तुम्हारे अंतः मन में कहीं
कभी साथ बैठकर गढ़ेंगे तुम्हारे दामन में
बस खुली बांहे लिए मेरे इंतजार में
तुम आना कभी।
अनंत प्रेम तुम्हारे लिए
लिपटा हुआ निर्दयता के टेप में
तेरी किताबों की अलमारी में रखा है कहीं
जो ढूंढो तुम सुकून, उस अलमारी के करीब
तुम आना कभी।
-----🌻
© Pushp
हर शाम बैठता हूं तेरे इंतज़ार में
इस चांद को ताकने।
मेरे ख्वाबों को मुकम्मल करने
तुम आना कभी।
वो सभी छोटे बड़े सपने
जो छिपे हुए है तुम्हारे अंतः मन में कहीं
कभी साथ बैठकर गढ़ेंगे तुम्हारे दामन में
बस खुली बांहे लिए मेरे इंतजार में
तुम आना कभी।
अनंत प्रेम तुम्हारे लिए
लिपटा हुआ निर्दयता के टेप में
तेरी किताबों की अलमारी में रखा है कहीं
जो ढूंढो तुम सुकून, उस अलमारी के करीब
तुम आना कभी।
-----🌻
© Pushp
Related Stories
10 Likes
0
Comments
10 Likes
0
Comments