...

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गुलाल
गुलाल हूँ
तुम्हारी यादें भले ही
पवन के झोंके की तरह
भीतर से बिखेर देती है।
किन्तु फिर भी,
खुद को समेट
अपनी उन्मुक्त हँसी से
सभी को रंग कर
अपनी छाप छोड़ जाती हूँ
हाँ मैं रंग बिरंगी गुलाल हूँ।