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खुद से खुद तक
आपने ऐसा अनुभव किया ही होगा जिंदगी में
लोग बोलते हैं मुझसे तुम पहले बहुत खुबसूरत लगते थे ,अब नहीं
चेहरे के पीछे उदासी को पहचानने की शायद किसिको कोई दिलचस्पी नहीं
वो पूछते हैं गम क्या है तुम्हें
अब उनके दो पल के प्यार के लिए खुद को खोलना शायद मेरी बस की बात नहीं.
साथ बैठ के ये बोलने वाले लोग "गलती ही तो हुआ है"पीछे मेरी गलतियों का हिसाब देते हैं
आंसुओं को समझने के असमर्थ वो लोग शायद उनसे कभी कोई गलती हुई ही नहीं
सब पूछते हैं खामोश क्यों हो इतना
अब अंदर घुट के बहार हसना शायद इतना आसान नहीं शायद इसीलिये हम ख़ुशी सबके साथ और गम सिर्फ अकेले में जीना चाहते हैं
अब बिना माफ़ी के सबको माफ कर रही हूं
जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं पर ,
शायद जीना सीख रही हूं .
लोग बोलते हैं मुझसे तुम पहले बहुत खुबसूरत लगते थे ,अब नहीं
चेहरे के पीछे उदासी को पहचानने की शायद किसिको कोई दिलचस्पी नहीं
वो पूछते हैं गम क्या है तुम्हें
अब उनके दो पल के प्यार के लिए खुद को खोलना शायद मेरी बस की बात नहीं.
साथ बैठ के ये बोलने वाले लोग "गलती ही तो हुआ है"पीछे मेरी गलतियों का हिसाब देते हैं
आंसुओं को समझने के असमर्थ वो लोग शायद उनसे कभी कोई गलती हुई ही नहीं
सब पूछते हैं खामोश क्यों हो इतना
अब अंदर घुट के बहार हसना शायद इतना आसान नहीं शायद इसीलिये हम ख़ुशी सबके साथ और गम सिर्फ अकेले में जीना चाहते हैं
अब बिना माफ़ी के सबको माफ कर रही हूं
जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं पर ,
शायद जीना सीख रही हूं .
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