...

1 views

अँजोरिया (भोजपुरी)
जनमते घरवा बेटी के, नवका भोर हो गईल,
जइसे चाँद के अँजोरिया, सगरे ओर हो गईल।

घर भर सब भरल रहे, फिर भी रहे उदासी,
मिले कभी ना तजका रोटी, खात रहीं बासी।
देखी रुनकी झुनकी, मनवां चितचोर हो गईल,
जइसे चाँद के अँजोरिया, सगरे ओर हो गईल।

रात दिन गोहराईं माई के, लक्ष्मी घरे अईती,
बाप बेटी के बनिके हमहूँ, भाग्यवान कहईती।
सुन लीहली देवी मईया, घरवा अँजोर हो गईल,
जइसे चाँद के अँजोरिया, सगरे ओर हो गईल।

जनमते घरवा बेटी के, नवका भोर हो गईल,
जइसे चाँद के अँजोरिया, सगरे ओर हो गईल।

© 🙏🌹 मधुकर 🌹🙏