...

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भटका राही
#AloneInCrowd
इस कदर टूटे हैं सनम
जितना जोड़ोगे उतना बिखरेंगे हम

यादों का कारवां, खुशियों की महफिल छूट गयी एक रास्ते पर
जितना भी ढूंढो नहीं मिलेगी अब

ख्वाहिशें थी कुछ हमारी जो रह गयी अधूरी
करना भी चाहो पूरी तमन्ना नहीं है अब हमारी

अंत में इतना ही कहेंगे-
जब उस छोर पर खडे थे जहां
ना जीने की तमन्ना थी ना मरने का इरादा
बस था तो अपने ही विचारों के भंवर में फंसे रहने का रास्ता
नहीं थे तुम साथ मेरे तो ना रहो अब भी साथ मेरे
जब निकल गयी हूं उस अंधेरे से और पा लिया है उजाला मैने

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