अभिव्यक्ति
-------१-------
मनन
वो आए
वीरान जिंदगी में
उजाला कर गए
खाली था
दिल का कोना
वो आकर भर गए
उनके आने से
जिदगी में
नई बहार आ गई
सूने, वीरान
दिल पर
खुशियां छा गई
बहुत जी लिया
खुद के लिए
अब उनके लिए जीते हैं
खुशियां उनके हवाले
अकेले बैठकर
ग़म हम ही पीते हैं
शिकन नहीं कोई
उनके जीवन में
अब हम आने देंगें
बस हम ही काफी हैं
किसी और को
ना सताने देंगें
शांति है सुकून है
तभी तो है
आपस का प्यार
छोटी छोटी खुशियां
समेटे हुए हैं
ग़म जिंदगी के बेशुमार
चुन चुन के निकालेंगे
जिंदगी से
हम उनके तमाम ग़म
बहुत बड़ी
जिंदगी है
फिर भी समय है कम
-----—---2----------
मंथन
कुछ कुछ सोचते हुए
कमोबेश हमने
काफी बार सोचा है
चाहे कुछ ना करना
पर किसी से
कुछ ना कहना
पूछेंगे तो सब
पर तुम
चुप ही रहना
सुनकर हंसेगे
बड़े सुझाव देंगें
जरूरत पे कन्नी काट लेंगें
कुछ भटकाना चाहेंगें
पर देखो तुम
भटक मत जाना
कुछ लुट रहे हैं
कुछ लूट रहे हैं
कुछ लुटाए ही जा रहे हैं
कुछ खो रहे हैं
कुछ पा रहे हैं
कुछ पछताए जा रहे हैं
जरा सोचो तो जनाब
किसी मुसीबत में
क्या किसी के काम आ रहें हैं?
© PJ Singh
मनन
वो आए
वीरान जिंदगी में
उजाला कर गए
खाली था
दिल का कोना
वो आकर भर गए
उनके आने से
जिदगी में
नई बहार आ गई
सूने, वीरान
दिल पर
खुशियां छा गई
बहुत जी लिया
खुद के लिए
अब उनके लिए जीते हैं
खुशियां उनके हवाले
अकेले बैठकर
ग़म हम ही पीते हैं
शिकन नहीं कोई
उनके जीवन में
अब हम आने देंगें
बस हम ही काफी हैं
किसी और को
ना सताने देंगें
शांति है सुकून है
तभी तो है
आपस का प्यार
छोटी छोटी खुशियां
समेटे हुए हैं
ग़म जिंदगी के बेशुमार
चुन चुन के निकालेंगे
जिंदगी से
हम उनके तमाम ग़म
बहुत बड़ी
जिंदगी है
फिर भी समय है कम
-----—---2----------
मंथन
कुछ कुछ सोचते हुए
कमोबेश हमने
काफी बार सोचा है
चाहे कुछ ना करना
पर किसी से
कुछ ना कहना
पूछेंगे तो सब
पर तुम
चुप ही रहना
सुनकर हंसेगे
बड़े सुझाव देंगें
जरूरत पे कन्नी काट लेंगें
कुछ भटकाना चाहेंगें
पर देखो तुम
भटक मत जाना
कुछ लुट रहे हैं
कुछ लूट रहे हैं
कुछ लुटाए ही जा रहे हैं
कुछ खो रहे हैं
कुछ पा रहे हैं
कुछ पछताए जा रहे हैं
जरा सोचो तो जनाब
किसी मुसीबत में
क्या किसी के काम आ रहें हैं?
© PJ Singh
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